हेलो ,आपका एक बार फिर से Technovichar.com में स्वागत है इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि रोम क्या होता है और ROM के विभिन्न प्रकार के बारेमे (Rom kya hai (What is Rom in Hindi)) । अगर आपको यह आर्टिकल तो अपने दोस्तों साथ शेयर जरूर करे।
वैसे तो कंप्यूटर जगत में दो प्रकार की मेमोरी होती है पहली हे प्राइमरी मेमोरी , दूसरी हे सेकण्डरी मेमोरी । प्राइमरी मेमोरी के दो प्रकार होते है।
1) RAM
2) ROM
यहाँ पर कंप्यूटर की मेमोरी में और दो भी शामिल है।
3) Sequential मेमोरी
4) CAM ( कंटेंट addressable memory )
Page Content
Rom kya hai (What is Rom in Hindi)
रोम की साइज कितनी होती चाहिए ??
रोम की विशेषता ( Features of ROM )
ROM के भिन्न-भिन्न प्रकार (Types of ROM in hindi)
PROM
EPROM
EEPROM
Flash Memory
Mask ROM
ROM कैसे काम करता है (Basic Functions of ROM) ??
Conclusion
Rom kya hai (What is Rom in Hindi)
RAM एक VOLATILE मेमोरी है। और ROM नॉन VOLATILE मेमोरी है।
वोलेटाइल का यह मतलब भी समज सकते हो कि एक बार मशीन के पावर OFF से उसने से डाटा इरेज़ हो जाता है और नॉन वोलेटाइल मेमोरी में मशीन की पावर ON हे या फिर ऑफ उसे डाटा को कोई असर नहीं पड़ता।
रोम एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी है। रोम का फुल फॉर्म है रीड ओनली मेमोरी।
रोम का डाटा केवल पढ़ा जा सकता है इसमें कोई भी नया डाटा जोड़ नहीं सकते। ROM में कंप्यूटर की फंक्शनैलिटी के संबंधित सभी निर्देश स्टोर होते हैं ।
जैसे कि कंप्यूटर को चालू करने का प्रोसेस कि जो बूटिंग(Booting) कहा जाता है यह प्रोसेस और कई अन्य उपकरण जैसे कि वॉशिंग मशीन माइक्रोवेव ओवन जैसे उपकरण रोम द्वारा प्रोग्राम होते हैं। ROM में डाटा हमेशा के लिए उपलब्ध होता है।
ROM को मैन्युफैक्चर द्वारा बनाने के समय ही उसमें राइट किया जा सकता है। हम कोई एडीशनल फंक्शनैलिटी या फिर डाटा उस में ऐड नहीं कर सकते।
ROM = DECODER + Programmable OR GATE
सरल भासा में हम यह कह सकते है की Rom Decoders और प्रोग्रामेबल OR गेट्स का मिश्रण होता है। Decoders की जिसमे फिक्स्ड AND गेट्स होते है।
- रोम की साइज कितनी होती चाहिए ??
यहाँ पर X नंबर ऑफ़ इनपुट की संख्या को दर्शाता है और Y नंबर और आउटपुट की संख्या को दर्शाता है।
X = Number OF Input
Y = Number Of Output
- रोम की विशेषता ( Features of ROM )
- रोम एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी है
- रोम RAM की तुलना में सस्ती है
- ROM हमारे कंप्यूटर के सीपीयू का भाग है
- रोम रीडेबल होती है
तो अबतक हमने जाना की मेमोरी के कितने टाइप्स है ,रोम की साइज अपरोक्ष क्या होनी चाहिए , रोम की विशेसताये ,रोम किस टाइप की मेमोरी है अब हम जानेगे की Rom के टाइप्स कितने है।
ROM के भिन्न-भिन्न प्रकार (Types of ROM in hindi) :
1) PROM
2) EPROM
3) EEPROM
4) FLASH MEMORY
5) MASK ROM
1) PROM
PROM का फुल फॉर्म प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी होता है। इसमें डाटा को राइट करने के लिए कुछ उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।
प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी एक ही बार राइट करने की परमिशन देती है। यह प्रोग्राम ROM के मैन्युफैक्चर द्वारा लिखा जाता है।
2) EPROM
EPROM का फुल फॉर्म Erasable Programmable Read Only Memory होता है।
इसके नाम से पता लगता है की EPROM का डाटा ओनली वन्स यानिकि एक बार मिटाया जा सकता है।
3) EEPROM
EEPROM का फुल फॉर्म Electrically Erasable Programmable Read Only Memory होता है।
Electrically Erasable यानिकि इसका डाटा कुछ इलेक्ट्रिक तकनीक जैसे की UV लाइट्स से मिटाया जा सकता है।
4) Flash Memory
फ़्लैश मेमोरी आम रोम की तरह ही होती है पर इसमें डाटा को इरेस करने की तकनीक थोड़ी डिफरेंट होती है।
फ़्लैश मेमोरी में ब्लॉक by ब्लॉक डाटा को इरेस किया जाता है।
5) Mask ROM
Mask ROM वह रोम है जो चीप manufacturer के द्वारा बनाया जाता है। Mask rom बाकि सभी Rom की तुलना में सस्ती होती है।
ROM कैसे काम करता है (Basic Functions of ROM) ??
हमारे कंप्यूटर में CPU के साथ-साथ कई अन्य पार्ट्स जैसे कि कीबोर्ड ,हार्डवेयर ,माउस, डिस्क Drive अटैच होते हैं और यह सभी डिवाइस कंप्यूटर के सीपीयू के साथ कनेक्टेड होते हैं।
CPU में Basic Input Output सिस्टम होता है। इस सिस्टम में Rom चिप और RAM Chips का इस्तेमाल होता है। BIOS सिस्टम कंप्यूटर की इनपुट अवं आउटपुट फंक्शनलिटी पर काम करता है।
यानिकि रोम हमारे कंप्यूटर के फंक्शन से सीधा कनेक्टेड है। रोम चिप्स की फंक्शनलिटी Ram चिप से Different होती है।
Conclusion :
तो यह थी Rom kya hai (What is Rom in Hindi), टाइप्स ऑफ़ मेमोरी (Types of Memory in Hindi) , टाइप्स ऑफ़ रोम (Types of ROM) , फंक्शन्स ऑफ़ रोम। अगर आपको आर्टिकल अच्छा लगा हो तो कमेंट और शेयर जरूर करे। आपका बहुमूल्य समय देने के लिए आपका धन्य वाद। 😊
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